चुन्दड़ी जाली की हे दिल्ली तै मोल मंगाई।
मै पानी नै गई थी हे कुएँ पै खड़ा सिपाही।
पानी तो मैनै प्यादे रै मै तैनै देख के आया।
पानी तो तुने प्या दुंगी रै मै ले रही डोल बिरानी।
के संग ले चालुंगा रै मेरा छोटा भाई कवारा।
गैल तेरी चालुंगी रै तेरा कर दु सब बटवारा।
रोटी तो थारी पो दुंगी रै थारै कर दु चुन उधारा।
पैंडा तो थारा मांजुगी रै थाली का छोढ अठारह।
पानी तो थारा भर दुंगी रै टोकनी का बजा दु बारह।
गोबर थारा गेरुंगी रै थारा कर दु दो गतवाड़ा।
और के चावैगा रै भाईया तै पाड़ दु न्यारा।
गैल ना ले चालुंगा रै मेरै कोन्या भाई कवारा।
तु तो रै न्यु जानो रै पनघट पै सुथरी लुगाई।
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