
चार बजे उठैन लागी हिलोर मेरे मन
हिलोर मेरे मन मे।
नहाई धोई तैयार होई ज्योत लगाई मन
मै ज्योत लगाई मन मै।
मन्दिर शिवालय गुरुद्वारा टोह लिया कितै
भी ना पाया भोला सारै टोह लिया।
चार बजे💐💐💐💐💐💐💐💐।
नंगे नंगे पैर मै तो हरिद्वार मे आई
हरिद्वार मे आई।
गंगा और जमना का किनारा टोह लिया
कितै भी ना पाया भोला सारै टोह लिया।
चार बजे💐💐💐💐💐💐💐💐।
नंगे नंगे पैर मै तो नीलकंठ पै आई
नीलकंठ पै आई।
ऊपर और नीचे भोला सारै टोह लिया
कितै भी ना पाया भोला सारै टोह लिया।
चार बजे💐💐💐💐💐💐💐💐।
रस्ते के मैह बाबा मिल गया भोले के भेष
मै भोले के भेष मै।
कन्धे के मै झोली ले रहा डमरु ले रहा
हाथ मै डमरु ले रहा हाथ मै।
मन्दिर शिवालय मेरा हाथ तै गया कितै
नहीं पाया भोला अड़ै मिल गया।
चार बजे💐💐💐💐💐💐💐💐।
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