रातों ना सोई मेरे चढ़ा चाव सतसंग का।

रातों ना सोई मेरे चढ़ा चाव सतसंग का। चार बजे मैने शयानी भेई।दूधू काढ़ आई मेरे चढ़ा चाव सतसंग का। रातों ना💐💐💐💐💐💐💐💐। पाँच बजे मैने दूध बिलोयो।मक्खन काढ़ आई मेरे चढ़ा चाव सतसंग को। रातों ना💐💐💐💐💐💐💐💐। छ: बजे मैने रोटी बनाई। साग बना आई मेरे चढ़ा  चाव सतसंग का। रातों Read more…

तैनै शब्द जगावै हे सुरता सोवै मतना।

तैनै शब्द जगावै हे सुरता सोवै मतना। तेरा चोला हे अनमोला  व्यर्था खोवै मतना। हे इस नगरी मै पाँच बसत है पांचों मीठबोला। हे इस नगरी मै बाणिया बसत है वो भी घट तोला। तैनै शब्द जगावै हे सुरता सोवै मतना। तेरा चोला💐💐💐💐💐💐💐💐। हे तेरी मेरी करती हे सुरता डोलै Read more…

सतगुरु खींच ले जंजीर काया मेरी तड़प रही सै।

सतगुरु खींच ले जंजीर काया मेरी तड़प रही सै। बालकपन मे खेला रै खाया।कपड़े झीरम झीर काया  मेरी तड़प रही सै। सतगुरु💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐। आई रै जवानी बडा मसताया ।खाया हलवा खीर काया  मेरी तड़प रही सै। सतगुरु💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐। आया रै बुढ़ापा बडा दुख पाया।कोने मै घैल गई खाट काया मेरी तड़प रही Read more…

दिन-दिन मैली होय चुंदड़ियाँ दिन-दिन मैली होय।

दिन-दिन मैली होय चुंदड़ियाँ दिन-दिन मैली होय। जब चुंदड़ी मेरे आई हे गर्भ मै।खुशी मनावै परिवार चुंदड़ियाँ दिन-दिन मैली होय। दिन-दिन💐💐💐💐💐💐💐💐। जब चुंदड़ी नै जन्म लिया था।गोद खिलावे परिवार  चुंदड़ियाँ दिन💐💐। दिन-दिन💐💐💐💐💐💐💐💐। जब चुंदड़ी मे बचपन आया।खेली सखियों के साथ  चुंदड़ियाँ दिन💐💐💐। दिन-दिन💐💐💐💐💐💐💐💐। जब चुंदड़ी मे आई रै जवानी।जगमग-जगमग होय  Read more…

प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है।

प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है। तुने कैसे तो आकाश बनाया। नहीं खम्भा एक लगाया है ये मेरी समझ नहीं आया। प्रभु कैसा💐💐💐💐💐। तुने कैसे तो ये धरती बनाई। कही रेत के टिब्बे पहाड़ बनाए। कहीं सागर गहरा बनाया है ये मेरी समझ नहीं आया Read more…

तुलसीदास की कथा सुनाऊ सियारामा।

तुलसीदास की कथा सुनाऊ सियारामा। सुन लो ध्यान लगाए भजो मन सियारामा। तुलसीदास जब घरनै आए सियारामा। रत्ना घर ना पाई भजो मन सियारामा। तुलसीदास सुसराल चाल पड़े सियारामा। हो गई आधी रात भजो मन सियारामा। रस्ते मै एक गंगा बहवै थी सियारामा। कैसे जाऊ पार भजो मन सियारामा। गंगा Read more…

हे भिलनी तेरे आवैंगे भगवान रात नै सोइये मतना।

हे भिलनी तेरे आवैंगे भगवान रात नै सोइये मतना। बखत उठ के कुटिया झाड़ी । सारे जंगल मे देई बुहारी। हे भिलनी तु झाड़ बिछाले खाट-खाट ने ठाइये मतना। हे भिलनी💐💐💐💐💐💐💐💐💐। बखत उठ  गंगा पै आई। गंगाजल की झारी भर लाइये। हे भिलनी तु पीले न दो घुट तीसरा पीइये Read more…

बिन्दियाँ काहे को लगाई -2।

बिन्दियाँ काहे को लगाई -2। सिन्दूर की बतादे माता जानकी करुणानिधान की। इस बिन्दियाँ मे हनुमान जी प्रभु तुम्हारे रिझे थे। जब-जब वो महलो मे आते मन हि मन मुस्काते थे। बिन्दियाँ यु हि तो लगाई-2। सिन्दूर की बतादे माता जानकी करुणानिधान की। इतना सुनकर हनुमान ने भी सिन्दूर मंगाया। Read more…

अँगूठी मोय साँच बतादे कहाँ पर छोडे लक्ष्मण राम।

अँगूठी मोय साँच बतादे कहाँ पर छोडे लक्ष्मण राम। एक दिन अवधपुरी दरबार। मार दए कैकेयी ने सब मान। वचन को निभाने वाले कहाँ पर छोड़े लछमन राम। अँगूठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐। एक दिन जनकपुरी दरबार। मार दिए सब भूपन के मान। धनुष को तोड़नवाले कहाँ पर छोड़े लछमन राम। अँगूठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐। Read more…

पह्रलाद जी को लग गई हरि रटना

पह्रलाद जी को लग गई हरि रटना।हरि रटना राम रटना। पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐। जब पह्रलाद जी अग्नि मे डाला।शीतल रुप बनायो अपना। पह्रलाद जी💐💐💐।हरि रटना💐💐💐। पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐। जब पह्रलाद जी को सर्पों मे डाला। निर्मल रुप बनायो अपना। पह्रलाद जी💐💐💐। हरि रटना💐💐💐। पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐। जब पह्रलाद जी को नदी बिच डाला।मछली Read more…