
भजो राम सीता रे जपो राम सीता ।इसी मे है भागवत इसी मे है गीता।
राम तेरी माया का पार नहीं पाया ।जाके समुन्द्र पे सेतु बनवाया ।मार आये रावण लिवा लाये सीता।
भजो राम 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
महाभारत का युद्ध हुआ था ।कौरव दल का नाश किया था ।अर्जुन को तुमने सुनाई थी गीता ।
भजो राम 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
भक्त पह्रलाद को उबारा था तुमने।पापी अजामिल को तारा था तुमने ।तार दई गणिका पढा रही थी तोता।
जपो राम 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
कलयुग मे केवल नाम अधारा।सिमर -सिमर नर उतरहि पारा।भजे नहीं राम नर जाएगा रोता।
जपो राम 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
आओ करें हम राम से समझोता ।राम यदि चाहे तो क्या नहीं होता।बहती है गंगा लगा लो रे गोता ।
भजो राम 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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