भज ले प्यारे सांझ सवेरे एक माला हरि नाम कि।

जिस माला मे राम नहीं वो माला है किस काम कि।

नाम के बल पर बजंरगी ने सागर सिला तराई थी।

बाण लगा जब लखन लाल क़ संजीवनी पिलाई थी।

नाम के बल पर देखो भाई बन आई हनुमान कि।

भज ले💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

नाम के बल पर अंगद जी ने रावण को ललकारा था।

लेकर नाम प्रभु का वो रावण कि सभा पधारा था।

महिमा अगम अपार है श्री रामचन्द्र भगवान कि।

भज ले💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

एक माला को माँ सीता ने बजंरगी को दान किया।

बजंरगी ने तोड़-तोड़कर भूमि उपर डाल दिया।

बजंरगी के ह्रदय बसी थी मुरत सीताराम कि।

भज ले💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बडे भाग्य से तुमने भाई मानव तन ये पाया है।

गर्भकाल कोल किया था बाहर आ बिसराया है।

सब मिलकर अब जय बोलो जी पवन पुत्र हनुमान की।

भज ले💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

Categories: Ram bhajan

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