बंशी वाले लाज बचाले उतरे मेरा चीर दुहाई दे रही सु।
धर्मराज युधिष्ठिर नै मै जुए मै जितवाए दई। पाचों पांडव चुप बैठे है उनके मुहँ मे जुबान नहीं ।कहाँ गई वो गदा भीम की कहाँ अर्जुन के बाण दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

पिता अन्धे नै दिखै ना माता पट्टी खोलै ना।दादा भीष्म बोलै ना भक्त विदुर की चालै ना।माँ कुन्ती घबराए रही सै आन बढाओ धीर दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

रंगशाला मे खड़ी हुई एक साड़ी मै लिपट रही।दुश्शासन नै केश पकड़ कै भरी सभा मै खींच लई ।दुर्योधन मेरा चीर हड़ै सै आन बढाओ चीर दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

यमुना पे जल भरन गई तेरी उंगली पे चोट लगी ।चीर फाड़ के पट्टी बांधी वो दिन तेरे याद नहीं।जल्दी आओ चीर बढाओ आन बचाओ लाज दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

आना हो तो आ जाइए पल दो पल कि देर नहीं।दांता बीच दबा राखा फेर मेरे तन पै चीर नहीं।जल्दी आओ देर मत लाओ आन बढाओ चीर दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

टेर सुनी जब द्रौपदी कि आके साड़ी पकड़ लई।नहीं खत्म वो चीर हुआ दुर्योधन कि हार हुई।अन्तरयामी श्री कृष्ण ने आन बढाया चीर दुहाई दे रही सु।
बंशी वाले 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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