
अँगूठी मोय साँच बतादे कहाँ पर छोडे लक्ष्मण राम।
एक दिन अवधपुरी दरबार।
मार दए कैकेयी ने सब मान।
वचन को निभाने वाले कहाँ पर छोड़े लछमन राम।
अँगूठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐।
एक दिन जनकपुरी दरबार।
मार दिए सब भूपन के मान।
धनुष को तोड़नवाले कहाँ पर छोड़े लछमन राम।
अँगूठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐।
एक दिन चित्रकूट विश्राम।
मिला दिया सब भाईयों के मेल।
भाईयों मे बैठैन वाले कहाँ परछोड़े लछमन राम।
अँगूठी मोहे 💐💐💐💐💐💐💐।
एक दिन पंचवटी विश्राम।
मार दिया खरदूषण बलवान।
मृग को मारन वाले कहाँ पर छोड़े लछमन राम।
अँगूठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐।
एक दिन लंका मै विश्राम।
जला दिया सोने का दरबार।
रावण को मारन वाले कहाँ पर छोडे लक्ष्मण राम।
अंगुठी मोहे💐💐💐💐💐💐💐💐।
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