
अहो रामा घरया गावड़ी आई वैका गल मै
जेवड़ो घालयो
अहो रामा खल मै सयानी भेई वैमै
पईया चून मिलायो।
अहो रामा भर के बाल्टी दूधो
काढयो मैनै बढिया खीर बनाई।
अहो रामा सारी नगरी न्योती सासु
नै कोन्या न्योती।
अहो रामा सारी नगरी जीमै मेरी सासु
झुल झुल देखै।
अहो रामा खाती कै पंडित आयो बाबा
थम भी भोजन खाओ।
अहो रामा बढिया खीर बनाई बाबा थम
भी भोजन खाओ।
अहे बैटी याहे धर्म ना लागे तैनै सासु
नहीं जिमाई।
अहो बाबा बढिया खीर बनाऊ सासु
नै न्योत जिमाऊ।
अहे बेटी गया बखत नहीं आता चाहे कितनी
हि सासु जिमाओ।
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