अहे दरिया मै चलावै जहाज-जहाज वैकी टेढ़ी हो गई।

अहे वैकै कोन्या छोटा बीर जेठ कै पल्लै ला दई।

अहे मावस कै पीछे करार जेठ मेरा लेने नै चाल्या हे।

अहे पहुंचा घेर कै बीच जेठ मेरा ठाढ़ा रोवै हे।

रै कितै हो तो बोल रणधीर आज मै लेने आया रै।

अहे घर का नै कर दी टाल जेठ मेरा ले के चाल्या हे।

हे वो पहुंचा सुसर की पोल सासं मेरी तारन आई हे।

हेरी उसनै मेरे तै कर लई पीठ सासं मेरी ठाढ़ी रोवै हे।

रै कितै हो तो बोल मेरा लाल आज मेरी बहुवड़ आई रै।

अहे मै पहुंची अंगना कै बीच ननद मेरी पीढ़ा घालै हे।

अहे उसनै मेरे तै फेरी पीठ ननद मेरी ठाढ़ी रोवै हे।

रै कितै हो तो बोल मेरा बीर आज मेरी भावज आई रै।

अहे दिन छिप गया हो गई रात सासं नै सोवन खंदाई हे।

हेरी वैनै मेरा तै फेरी पीठ जेठ मेरा ठाढ़ा रोवै हे।

रै कितै हो तो बोल मेरा बीर आज मेरा धर्म घटै सै रै।

रै मेरा बेटी बराबर नाता आज मै बीर बनाऊँ रै।

हेरी आधी ढ़ल गई हुया हे सवेरा पति मैनै सपने मै दिख्या हे।

रै गौरी बिजली के खम्बे तीन बिचले मै ज्यान गवाइये रै।

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