
राम रस पीले रै पिलावें मेरा गुरु ज्ञानी।
पिलावें मेरा गुरु ज्ञानी-2 ।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐💐।
आया था तु हरि भजन नै ।
भूल गया नादान बतावें मेरे गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐💐।
मोह माया में फसकर बन्दे।
मकड़ी जैसा जाल बतावे मेरे गुरु ज्ञानी।
राम रस 💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर में हो गुरुओं की सेवा।
वो घर स्वर्ग समान बतावे मेरे गुरु ज्ञानी।
राम रस 💐💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर में हो भगवत गीता।
वहाँ रहवै श्री भगवान बताबे मेरे गुरु ज्ञानी।
राम रस 💐💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर में हो तुलसी का बिड़ला।
वहाँ गंगा स्नान बताबे मेरे गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर मे हो बेटा सुपात्र।
वो श्रवण जैसा लाल बतावे मेरा गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर मे हो बहु हे सुपात्र।
वहाँ लक्ष्मी का वास बतावे मेरा गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर मे देवा सास ससुर है।
वहाँ है चारो धाम बतावे मेरा गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐।
जिस घर मे हो भजन किर्तन।
बरसै मेहर दिन रात बतावै मेरा गुरु ज्ञानी।
राम रस💐💐💐💐💐💐💐।
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