हे मैनै आई नै हुए दिन चार झड़क
गई हाथा की चुड़ी।
हेरी सासड़ गलिया मै फिरै मनिहार
पहरा दे मिने की चुड़ी।
हे बहु जड़ मै बसै हे लुहार
पहर ले लोहे की चुड़ी।
अहे मेरे छुट्टी आए भरतार महल
मै दीया ना बाती।
हे उसनै मारी बटैरी की लाइट
पिलंग पै कमला हूर पड़ी।
अहे मेरे छुट्टी आए भरतार महल
मै दीया ना बाती।
हो मैनै आई नै होगे दिन चार झड़क
गई हाथा की चुड़ी।
हो तेरी माए रांड बदमाश
पहरावै लोहे की चुड़ी।
अहे गौरी जड़ मै सुनार पहर
ले सोने की चुड़ी।
हे बहु कोन्या बसके लाल
पहरा गए सोने की चुड़ी।
हेरी सासड़ जै तु हो ज्या रांड
पहर लिए लोहे की चुड़ी।
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