हम तो रै गौरी चाले नौकरी।अरै इज्ज्त का राखिए ख्याल

आवांगे सात साल मै।

एक तो रै गौरी कुआँ खुदाइए।दुजा रै गौरी बाग लगाइए।

अरै थम तीजा जनों नन्दलाल आवांगे सात साल मै।

सुसर मेरा तो कुआँ खुदावै।बाप मेरा तो बाग लगादे।

अए मै किसकै जनु नन्दलाल मेरी जान मैरन मै आई।

रुनझुन रुनझुन अर्थ जुड़ाया।अहे मै गई बाबल के पास

बाबल तै अर्ज करै थी।रुंढी तो हो बाबल झोटी हो देदे।

धोले तो मेरे कपडें सीमा दे।अहो मैनै पाचों ल्यादे 

हथियार घोसन का भेष धरुंगी।

रुंढी तो ए मैनै झोटी दे दई।धोले तो हे मैनै कपडें सीमा 

लिए।अहे मैनै पाचों लिए हथियार घोसन का भेष बनाया।

जाके मिल्ट्री मे रुक्का मारा।अहो भर कोए तो पिलो म्हारो

 दूध हम दूध बेचने वाले।

आजा रै घोसन दूधू प्यादे। अरै घोसन हम पीवा थारा दूध

हम दूध पीवने वाले।

दूधु पीवै मेरी तरफ लखावै।अरै थारे कैसी म्हारी नार हम 

छोड फौज मै आए।

सेज बिछा ले घोसन तकिया लगा ले।अरै कोए लेट लगाओ

दो चार म्हारा जी लेटनै नै कर रा।

सेज बिछा लई तकिया लगा लिया।अए कोए लेट लगाए दो

चार हम दूध बेचेने.वाली।

तेरे तम्बुवा कि हो फोटो देदे।थारे हाथ कि हो गुठ्ठी देदे।

अहो कोए देदो हरा रुमाल हम दूध बेचने वाली।

सात साल मै हे छुट्टी आया।अहे उका बाप खिलावै नन्दलाल

हम दूध बेचने वाली।

ना म्हारै बुआ ना म्हारै बेबे।अहो बाबल किसका यो खेलै 

नन्दलाल हम सात साल मे आए।

हमनै तो रै बेटा बेरा कोन्या।अरै थारी माँ नै ल्यो ना

बुझै थम सात साल मै आए।

साची साच बता दे री माता।अहे यो किसका खेलै नन्दलाल

हम सात साल मै आए।

हमनै तो रै बेटा बेरा कोन्या।अरै उस नखरो नै ल्यो ना बुझै

थम सात साल मै आए।

ठाई हे कटारी चढा हे अटारी।अरै गौरी इब तारु तेरी नाड़ यो

लाल कड़े तै ल्याई।

पानी पीलो पहले रोटी खालो।अहो हम दुख सुख कि बतलाए

थम सात साल मै आए।

थारे तम्बुवा कि हो फोटो लेले।थारे हाथ कि गुठ्ठी लेले।

अहो कोए लेलो हरा रुमाल हम दूध बेचने वाली।

हम तो रै गौरी बीए पढ रा।अरै थम पढ रही पाचँ जमात

म्हारी अक्ल फौज मै मारी।

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