तु तो री भाभी सुथरी घनी सै।तु तो री भाभी सुथरी
घनी सै के खाती नै घड़ राखी खाती का देवर कौन
घड़ै सै बेमाता नै घड़ै राखी।
तु तो री भाभी पढ़ी लिखी सै।तु तो री भाभी पढ़ी लिखी
सै बीए पास करा राखी थारा घर का हो देवर कौन पढावै
माँ बापा नै पढा राखी।
ओढ पहर पानी नै चाली।ओढ पहर पानी नै चाली
आगा तै गाडी आवै सै झाकी मा तै देखन लागा हूर
लरजती आवै सै।
पानी भर कै उल्टी आई ।पानी भर कै आई माँ बेटा
बतलावै सै मतना लडाइए लाड बहू का बहू
बिगड़ती आवै सै।
खुटी का तै रुल तार के।खुटी का तै रुल तार के
मेरी कड़ के बीच जचाया सै मार मुर के बुझन लागा
चोट कड़ै सी आई सै।
ढकने के मै आचं घाल के।ढकने के मै आचं घाल के
सेकन लागा पासु नै जेबा माह तै काढ रुमाली
पुछनै लागा आसुं हे।
मतना रोवै दिल कि प्यारी।मतना रोवै दिल कि प्यारी
मै के तेरै मारै था मतना रोवै दिल कि प्यारी या माँ बैरन
पिटवावै सै।
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