
मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे।
राम आएंगे-आएंगे राम आएंगे।मेरी झोपड़ी💐💐💐।
मै पल-पल राह निहारु।अपने प्रभु के दर्शन पाऊँ।
मेरी झोपड़ी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
मै चंदन चौकी लगाऊंगी।राम नाम का आसन बिछाऊंगी।
अपने प्रभु को उस पे बैठाऊंगी।
मेरी झोपड़ी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
मै खट्टे-मिठे बेर चुन लाऊंगी।अपने प्रभु को चख के खिलाऊंगी।
मेरी झोपड़ी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
अपने प्रभु के चरणों मे बैठ के।अपने दुखड़े सारे सुनाऊंगी।
मेरी झोपड़ी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
अपने प्रभु के सन्मुख बैठ के।अपने अवगुण माफ कराऊंगी।
मै तो भवसागर तैर जाऊंगी।
मेरी झोपड़ी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
0 Comments