
हे शीतला नै कर दिया फोन मैंने हे गुड़गांव जाना सै।
हे मैया नै कर दिया फोन मैने हे गुड़गांव जाना से।
झरन-झरन तेरी घण्टी बाजै।घण्टी सुन मन हो गया राजी।
मैने हे वो प्रण निभाना सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
मेरा पति हे नारियल ले आया।बढियां सी हे एक चुनरी ले आया।
मैंने हे वा चुनरी ऊढानी सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
बढ़िया सी हे मैंने साड़ी बांधी।देशी घी कि ज्योत बनाई।
मैने वा ज्योत जगानी सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
घर-घर तै हे मै लाई बुला के।सारी चालो इकट्ठी होके।
मैया का भवन सजाना सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
दूर-दूर से यात्री आवै। माँ के चरणों मे शीश झुकाव।रोते आवे हसते जावे।गठजोड़े कि जात लगावै।गोदी मै
हे नन्दलाल खिलावै।मैया का खेल निराला सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
गुड़गावाँ कि पावन धरती।सारा गुड़गावाँ मौज मनावे।
हमें वो करती है मालामाल।मैया का खेल निराला सै।
हे शीतला💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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