
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरे बाबा।
मै निर्धन बहुत घना था ।एक पैसा पास नहीं था।
गढी पे गढी लग गई रे इतना दिया मेरे बाबा ।
मेरी झोली 💐💐💐💐💐💐💐💐।
मै टुटी झोपड़ियाँ मे रहता ।रहने को मकान नहीं था।कोठी पे कोठी बन गई रे इतना दिया मेरे बाबा।
मेरी झोली💐💐💐💐💐💐💐💐।
मेरे टोटा बहुत घना था। मै बना सेठ घना मोटा ।
गाडी पे गाडी चल गई रे इतना दिया मेरे बाबा।
मेरी झोली💐💐💐💐💐💐💐💐।
मै खेती बहुत करें था ।खाने को अनाज नहीं था।
बोरी पे बोरी लग गई रे इतना दिया मेरे बाबा।
मेरी झोली 💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
मै मेहंदीपुर मे आया ।मेरी कंचन हो गई काया।
हृदय मे ज्योत जगा दई रे इतना दिया मेरे बाबा।
मेरी झोली💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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