सात सखी हम मतोवो उपाड़ो कृष्ण 

ढुंढनै चालया मेरा राम।

गोकुल ढुंढो मथुरा ढुंढो कुंज 

गली फिर आई मेरा राम।

कितै ना पायो नन्द जी रो लालो

तो उलटी भवन मै आई मेरा राम।

एक सखी हे मैनै न्युठ बोली तुलसा रा

बिड़ला चालो मेरा राम।

ऊपर तुलसा घेर घुमेरा तो तलै कृष्ण

सोवै मेरा राम।

के तुलसा हे तु जान बिजाना के

तु कामनगारी मेरा राम।

ना जीजी हे मै जान बिजाना ना मै

कामनगारी मेरा राम।

मिठी बोलु नैय कै चालु लागु किशन

हर प्यारी मेरा राम।

जो कोई तुलसा बिड़लो गावै जन्म

जन्म सुख पावै मेरा राम।

बुढी गावै राम लडावै बास बैकुण्ठा

को पावै मेरा राम।

कन्या गावै घर वर पावै तरणी

पुत्र खिलावै मेरा राम।


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