पुछ रही राधा बताओ गिरधारी।मै लागु प्यारी या बासुरी है प्यारी।

मधुबन मे तुने बासुरी बजाई ।सब सखियाँ घर घर से बुलाई।सखियों कि यारी लगे तुम्हें प्यारी । मै लगु प्यारी या बासुरी है प्यारी।पुछ रही 💐💐💐💐💐💐💐💐।

गोकुल मे छुप छुप के माखन चुराए।ग्वाल बालो संग बाट बाट खाए।अच्छी लगे तुम्हें ग्वालों कि यारी।मै लगु प्यारी या बासुरी है प्यारी ।पुछ रही💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

सारा ब्रज ढुंढा वृन्दावन मे छुप गए।हमसे क्यों रहते हो दूर दूर हटके ।दर्शन को प्यासी है अखियाँ हमारी । मै लगु प्यारी या बासुरी है प्यारी । पुछ रही 💐💐💐💐💐💐💐।

यमुना तट पर चीर चुराए ।कदम डाल  पर चढ के दिखाए ।

सखियों को भावे शरारत तुम्हारी । मै लगु प्यारी या बासुरी है प्यारी।पुछ रही💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

निधि वन मे कान्हा रास रचाए ।खुद नाचे और सबको नचाए।

हमको क्यों भुल गए गिरधारी। मै लगु प्यारी या बासुरी है प्यारी।पुछ रही 💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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