
पति सीखो खेत कमाना बोली धन्ना की जाटनी।
हल जोतो आज पहला दिन है बो दो चाल ज्वार जी।
उधार ज्वार तुलाकर लाई पूरी है सेर चार जी।
अब देर जरा नहीं लाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
रास्ते मे कोई साधु मिल जा बीज देन से नाटियो।
हाथ जोड़कर मै कहती हूँ बीज कदे ना बाटियों।
पहले दिन सौन मनाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
पहले बोई न आगे बोवे ऐसी खेती बोवना।
मै भी आऊँ जल्दी चालो पड़के नहीं सोवना।
जल बरस रहा मनमाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
संत रुप मे हरि मिले थे साधु जन गये चार जी।
धन्ना का घर हमें बता दो बोले संत उचार जी।
लगी भूख महा दुख पाया बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
चादर बिछा भगत ने दीन्ही बैठा लिया भगवान जी।
भोजन जीमो कहने लगा दिया ज्वार दान जी।
आनन्द का नहीं ठिकाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
धन्ना अन्न जब बाँटन लागा हरि ने खुद भर ली झोली।
अनन्त हो दो बार कही थी श्रीकृष्ण ने जय बोली।
हो गए भगवान रवाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
आज नार सिर मार लड़ेगी भगत करे संताप जी।
विचार करके कांकर बोदी भली करे हरि आप जी।
ऊपर से मेज लगाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐।
आज की बोई सब मर जावे निकले बीज कुबीज जी।
मै मर ज्या या मरे जाटनी ऐसी हो तजबीज जी।
धन्ना विकल्प करे नाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
कांकर बोई ज्वार जमा दी यह माया भगवान की।
अचरज करते लोग लुगाई महिमा है अन्न दान की।
द्वेषी कहे तो नहीं दाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
खेत तेरे की सब देते है अच्छी नीकी साख जी।
तज कर भजन खेत मे चालों मतना करो मजाक जी।
धन्ना मन मे घबराना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
देख ज्वार ने राजी हो गई धन-धन मेरे प्राणपति।
कहे सुने की माफी दे दो मत ना करियो रोस रती।
संतो को रोज घर लाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
धन्ना हरि कहने लागा लाई मेरे व्याधि है।
घर मे कोठी नहीं बुखारी रच दी कौन उपाधी है।
सिरटी नहीं तुम्बे लगाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
तुम्बे देख क्रोध मे भर गई ज्वार कहाँ से खाओगे।
म्हारे खेत मे तुम्बे बो दिए ज्वार कहाँ से लाओगे।
न्यूँ देने लगी उल्हाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
कात पीस के गुजर करुंगी ना तेरे को चाहती हूँ।
कुएँ झेरे मे पड़के मर जा ये ही रोज मनाती हूँ।
बाणी के बाण चलाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
तुम्बे बो दिए मोडे खातिर थारी मूंछ मरोड़ूंगी।
धक्के देक मोडे काढ़े थारी टाटी फोड़ूंगी।
काढ़े देकर धिंगताना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
पिट-पिट मोडे भागन लागे ठोकर खा के लगे पड़न।
पिटना ना छोडा मोडो का औरों के घर लगे बड़न।
कहें मुश्किल प्राण बचाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
पीछा ना छोडा मोडो का रही जाटनी गैल पड़ी।
मोडो के सिर तुम्बे फोड़े फूटे तुम्बे ज्वार झड़ी।
फिर मन मे हुआ पछिताना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
धन्ना ने जब तुम्बा फोड़ा देख रही थी जाटनी।
एक तुम्बे मे छड़ी पिछोड़ी ज्वार भरी सेर चार जी।
लख नारी आनन्द माना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
जाट जाटनी तुम्बे ढोये ला लिया घर मे ढेर जी।
कहे जाटनी राजी होजा रुसूं लड़ू न फेर जी।
मैंने यह परण पुगाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐।
अन्न का दान किया धन्ना ने श्रोता करो विचार जी।
ज्वार की बिक्री करी जाट ने बांटे थे लख चार जी।
मंगलानन्द करते गाना बोली धन्ना की जाटनी।
पति सीखो💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
0 Comments