ओ मैया मैंने दो दो कुल अपनाये।

एक कुल मे मैंने जन्म लिया है।

बीस बरस वहां मैंने बिताए।

ऐसे हो गए वो निर्मोही-2 भेज के देश पराए

ओ मैया मैंने दो💐💐💐💐💐💐💐।

एक कुल मे मै ब्याही आई।

सब अनजाने मैंने अपनाये।

तन मन धन से करी है सेवा-2

सबके हुकुम बजाए

ओ मैया मैंने दो💐💐💐💐💐💐💐।

बेटी से फिर बहु बनी मै।

माँ बनकर मैंने लाड लडाए।

मेरे मन की कोई सुने ना-2नैना नीर बहाए

ओ मैया मैंने दो💐💐💐💐💐💐💐।

माँ बाबुल का मान बढाया।

सास ससुर का वंश चलाया।

जब माँ मुझको पड़ी जरुरत-2लगने लगे पराए।

ओ मैया मैंने दो💐💐💐💐💐💐💐।

हर बेटी की यही कहानी।

यु तु है यह सदियों पुरानी।

बहु तो होती है घर की लक्ष्मी-2

कोई क्यों ना लाड लडाए।

ओ मैया मैंने दो💐💐💐💐💐💐💐।


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