
मेरी काया मे अलमारी।
कदे खोल के ना देखी हे उसमे बैठा कृष्ण मुरारी।
मै गंगा नाहाई यमुना।
कदे सास नुहा के ना लाई हे न्यु कह रहे कृष्ण मुरारी।
मेरी काया💐💐💐।कदे खोल💐💐💐💐💐💐।
मैनै आछा ओढा पैहरा ।
कदे नन्द बुलाई ना भानजी हे न्यु कह रहा कृष्ण मुरारी।
मेरी काया💐💐💐।कदे खोल💐💐💐💐।
मैनै आछा खाया पिया।
कदे पंडित जिमाया ना भानजा हे न्यु कह रहा कृष्ण मुरारी।
मेरी काया💐💐💐।कदे खोल💐💐💐💐💐।
मैनै माया बहुत जोड़ी।
कदे दान पुण्य करा ना हे न्यु कह रहा कृष्ण मुरारी।
मेरी काया💐💐💐।कदे खोल💐💐💐💐💐।
तु कहत कबीर भाई साधो।
कृष्ण की लीला न्यारी हे न्यु कह रहे कृष्ण मुरारी।
मेरी काया💐💐💐।कदे खोल💐💐💐💐💐।
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