मैया जब मैं घर से चलूँ बुलावे ग्वालिन घर में मोय॥

बुलावे ग्वालिन💐💐💐💐💐💐💐💐।

मैया जब💐💐💐💐💐💐।

अचक हाथ कौ झालौ देकै, मीठी बोलें देवर कह कैं।

निधरक हो जाँय साँकर देके॥

दोहा- झपट उतारें काछनी, मुरली लेंय छिपाय।

मैं बालक ये धींगरी, मैया मेरी कहा बसाय॥

आपहु नाचैं मोय नचावें, कहा बताऊँ तोय।

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बुलावे ग्वालिन💐💐💐।

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

मैं बालक ये चतुर गुजरिया, एक दिन लेगई पकरि उँगरिया,

फूटी-सी याकी राम कुठरिया।

दोहा- धरी मटुकिया मो निकट, माखन की तत्काल।

माखन दूँगी घनों सौ, तुम चींटी बीनौ लाल॥

मैंने याकी चींटी बीनी, ये पति संग गई सोय॥ 2॥

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बुलावे ग्वालिन💐💐💐।

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

एक दिना पनघट पे मैया, मैं बैठयो थो कदम की छैंया,

संग बैठ्यो बलदाऊ भैया।

दोहा- ये लै पहुँची वहाँ गागरी, रिपटौ याकौ पावँ।

मेरे गोहन पड़ गई, धक्का दीनों श्याम॥

गुलचा दे दे गाल लाल किये, मैं ठाड़ौ रह्यौ रोय॥ 3॥

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बुलावे ग्वालिन💐💐💐💐।

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

तेरे मोंह पै करें बढ़ाई, बाहर निकसत करैं बुराई,

ऐसी ब्रज की ढीठ लुगाई।

दोहा- इनकी मत मारी  कहे, मैं  चोर ये शाह।

चोर नाम मेरौ धरौ, मैया होन न दे मेरो  ब्याह॥

इनने  मोते ऐसी कीनी, जैसी करै न कोय॥ 4॥

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बुलावे ग्वालिन💐💐💐।

मैया जब💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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