
देना हो तो दे दे सँवारे क्यों ज्यादा तरसावे सै
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे सै।
अरे काट काट के चक्कर मैं तेरे दर के हार लिया।
ना पिंड तेरा छोड़ूगा मैनै मन में पक्का धार लिया।
यो भकत तेरा भूखा सोवे, तू छप्पन भोग लगावे से
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
देना हो तो💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
तेरे भंडारे मे कमी नहीं यो कहना दुनिया सारी का,
जब भगत तेरा दुःख पावे के फायदा इस साहूकारी का॥
लेन देन का जिक्र चले जब बाता में बहकावे से
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
देना हो तो💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
तन्ने देना पड़े जरुरी मैं जिद्दी घना अनाड़ी सु।
जे सेठ तू नंबर वन से मैं नंबर एक भिखारी सु।
सब भगता के आगे क्यों तु अपनी पोल खुलवे से
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
देना हो तो💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
मैं हर ग्यारस ने बाबा तेरे धाम पे चल के आऊ सु।
फ़ोकट में कोन्या मांगू तेरे नए नए भजन सुनाऊ सु॥
क्यों दर्शन अपने देवन में कंजूसी घणी दिखावे से,
ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥
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