भोलेशंकर फूले ना समाए भवरियाँ मेरी हरे-हरे

भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

पहली भावर कैसे पड़े वहाँ दो पुरुष एक नार।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने चंदा दियो हटाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

दुसरी भावँर कैसे पड़े वहाँ एक पुरुष दो नार।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने गंगा को दिया है हटाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

तीसरी भावँर कैसे पड़े वहाँ दो पुरुष एक नार।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने नागों को दिया है हटाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

चौथी भावँर कैसे पड़े वहाँ मात-पिता ना कोई।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने ब्रह्मा ब्राह्मणी को लिया है

बुलाए भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

पांचवीं भावँर कैसे पड़े वहाँ कोई नहीं बाराती।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने सब देव लिए है बुलाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

छठी भावँर कैसे पड़े वहाँ बैंड नहीं बाजा।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने डमरु दियो है बजाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

सातवीं भावँर कैसे पड़े वो पहने ना जूते और मौजे।

इतनी सुनकर भोलेबाबा ने खड़ाऊँ लिए है पहनाए

भवरियाँ मेरी हरे-हरे भवरियाँ मेरी गौरा संग पड़े।

भोलेशंकर💐💐💐💐💐💐💐💐💐


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