अरे तेरे रोज उलहाने आवै मन-मोहन मुरली वाले।

पहला उलहाना तेरा मालन के से आया ।

फुलड़ा तोड़ा तनै डाल झुकाई।

अरे तु तो पक्का चोर बताया मन मोहन मुरली वाले।

अरे तेरे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

दुजा उलहाना तेरा धोबन के से आया।

कब्जा काढ़ा उसका दामन उठाया।

अरे तु तो चुनदड़ चोर बताया मन मोहन मुरली वाले।

अरे तेरे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

तीजा उलहाना तेरा गुजरी के से आया।

मटकी फोड़ी उसका दही बखेरा।

अरे तु तो मक्खन चोर बताया मन मोहन मुरली वाले।

अरे तेरे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

चौथा उलहाना तेरा राधा के से आया।

बंशी बजावे तु तो दिल को लुभावे।

अरे तु तो चित का चुरईया बताया मन मोहन मुरली वाले।

अरे तेरे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *