
मैया हे तेरा टीका धरा भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरे झाले धरे भवन मे।
मैया हे तेरी नथनी धरी भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरा हरवा धरा भवन मे।
मैया हे तेरी माला धरी भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरा कंगन धरा भवन मे।
मैया हे तेरी मेहंदी धरी भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरी तगड़ी धरी भवन मे।
मैया हे तेरा गुच्छा धरा भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरी पायल धरी भवन मे।
मैया हे तेरी महावर धरी भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरी साड़ी धरी भवन मे।
मैया हे तेरी चुनरी धरी भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरा हलवा धरा भवन मे।
मैया हे तेरे छोले धरे भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
मैया हे तेरा नारियल धरा भवन मे।
रात कहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
बेटी हे मेरा भगता नै करा जगराता।
रात वहाँ गई थी शेर पे चढ़ के।
मैया हे मैंने पहले टोही भवन मे।
फेर रुक्का मारा पहाड़ पे चढ़ के।
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