जितना राधा रोई-रोई कान्हा के लिए,

कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए

यार की हालत देखि,उसकी हालत पे रोया।

यार के आगे अपनी शानो शौकत पे रोया।

ऐसे तड़पा जैसे समा परवाना के लिए।

कन्हैया उतना रोया💐💐💐💐💐💐💐।

यार को लगा कलेजे बाथ भर भर के रोया।

और अपने बचपन को याद कर कर के रोया।

ये ऋण था अनमोल की श्याम दीवाना के लिए।

कन्हैया उतना रोया💐💐💐💐💐💐💐।

पाँव के छाले देखे तो दुःख के मारे रोया।

पाँव धोने के खातिर ख़ुशी के मारे रोया।

आंसू थे भरपाई बस हर्जाना के लिए।

कन्हैया उतना रोया💐💐💐💐💐💐💐।

उसके आने से रोया उसके जाने से रोया।

होके गदगद चावल के दाने दाने पे रोया।

बनवारी वो रोया बस याराना के लिए।

कन्हैया उतना रोया💐💐💐💐💐💐💐।


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