
दशरथ के नन्दन राम बन्ना तुम्हें
मिथिलापुर मे जाना है।
वहां तोड़ धनुष शिवशंकर का सिया
बन्नी को ब्याह को लाना है।
वहां दादा को ले जाना है
वहां ताऊ को ले जाना है।
बिन्दियां मे सजी हुई बरनी को
तुम्हें ब्याह के अवधघर लाना है।
दशरथ के नन्दन💐💐💐💐💐💐।
वहां चाचा को ले जाना है।
वहां पापा को ले जाना है।
वहां फुफा को ले जाना है
वहां जीजा को ले जाना है।
साड़ी मे सजी हुई बरनी को
तुम्हें ब्याह के अवधघर लाना है।
दशरथ के नन्दन💐💐💐💐💐💐।
वहां पंचो को ले जाना है
वहां मामा को ले जाना है।
जोड़े मे सजी हुई बरनी को
तुम्हें ब्याह के अवधघर लाना है।
दशरथ के नन्दन💐💐💐💐💐💐।
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