मेरे उठे विरह की पीर सखी री वृन्दावन जाऊंगी ।वृन्दावन जाऊंगी सखी री वृन्दावन जाऊंगी। 

 बाजे मुरली यमुना तीर सखी री वृन्दावन जाऊंगी ।

श्याम सलोनी मुरत की दिवानी हो गई।

मै कैसे धारु धीर सखी री वृन्दावन जाऊंगी ।

मेरे उठे…………………..।

छोड़ दिया मैंने भोजन पानी श्याम कि याद मे ।

तोहे कैसे दिखाउ दिल चीर सखी री वृन्दावन जाऊंगी ।

 मेरे उठे ……………….?…………..।

इस दुनिया से रिश्ते नाते सब हि तोड़ दिए ।

मेरे नैनन बरसे नीर सखी री वृन्दावन जाऊंगी । 

मेरे उठे ……………………………।

नैन मिले गिरधर से मै तो पागल कर डाली ।

दुनिया से हो गई अजांनी  सखी री वृन्दावन जाउंगी ।

मेरे उठे………………..।


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