
श्री गौरी नन्द गणेश जी मै पहले तुम्हें मनाऊ।
पहले पूजन करु तुम्हारी।चंदन कुमकुम केशर क्यारी।
फूल पान अरु धरु सुपारी।तेरी माला रटूँ हमेशा जी मै तेरे
ही गुण गाऊँ।
श्री गौरी💐💐💐💐💐💐💐💐।
रिध्दि सिध्दि के तुम हो दाता।पिता है शंकर गौरा माता।
मेवा मिश्री भोग लगाता। मेरे नाथ क्लेश जी मै तुम्हें
छोड कहाँ जाऊँ।
श्री गौरी💐💐💐💐💐💐💐💐।
सत संगत मे करो सहाई ।गुण कि महिमा दो दरसाई।
तेरे नाम कि है कविताई।सुन्दर तेरा भेष जी मै सही
रुप दरसाउ।
श्री गौरी💐💐💐💐💐💐💐💐।
मुसे कि तुम करो सवारी।सुननी होगी अर्ज हमारी।
मेरी आशा पूर्ण करता जी मै आत्मज्ञान को पाऊँ।
श्री गौरी💐💐💐💐💐💐💐💐।
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